Pediatric doctor


1. पीडियाट्रिशियन डॉक्टर कौन होते हैं?

पीडियाट्रिशियन एक विशेषज्ञ डॉक्टर होते हैं जो नवजात शिशु, शिशु, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का निदान, इलाज और रोकथाम करते हैं। उनका मुख्य कार्य बच्चों की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत का ध्यान रखना होता है।

पीडियाट्रिशियन निम्नलिखित कार्य करते हैं:
✅ नवजात शिशु की प्रारंभिक देखभाल और जांच
✅ टीकाकरण (Vaccination) और पोषण संबंधी सलाह
✅ बच्चों की विकास प्रक्रिया की निगरानी
✅ आम संक्रमण और बीमारियों का इलाज
✅ बच्चों के मानसिक और व्यवहारिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना

2. बच्चों में होने वाली आम बीमारियाँ और उनका इलाज

(1) वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण

बच्चे वयस्कों की तुलना में संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। आम वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण इस प्रकार हैं:

✦ सर्दी-खांसी और फ्लू
• लक्षण: बुखार, नाक बहना, खांसी, गले में खराश
• इलाज: हाइड्रेशन, आराम, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएँ

✦ गले का संक्रमण (टॉन्सिलाइटिस)
• लक्षण: तेज बुखार, गले में दर्द, निगलने में दिक्कत
• इलाज: एंटीबायोटिक्स (डॉक्टर की सलाह पर), गर्म पानी से गरारे

✦ डायरिया और पेट की बीमारियाँ
• लक्षण: उल्टी, दस्त, पेट दर्द
• इलाज: इलेक्ट्रोलाइट्स (ORS), हल्का आहार, संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता

(2) त्वचा से संबंधित समस्याएँ

बच्चों की त्वचा कोमल और संवेदनशील होती है, जिससे उन्हें कई प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

✦ डायपर रैश
• कारण: गीले डायपर लंबे समय तक पहनने से
• उपाय: डायपर बदलते समय स्किन ड्राई रखना, बेबी पाउडर और क्रीम का इस्तेमाल

✦ एक्जिमा (Eczema)
• लक्षण: खुजली, लाल दाने, सूखी त्वचा
• इलाज: मॉइश्चराइजर, एलर्जी से बचाव, डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा

(3) टीकाकरण और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली बीमारियाँ

टीकाकरण (Vaccination) बच्चों को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है। कुछ प्रमुख बीमारियाँ जिनके लिए टीकाकरण जरूरी है:
✅ पोलियो
✅ खसरा (Measles)
✅ टिटनेस
✅ हेपेटाइटिस B
✅ काली खांसी (Whooping Cough)

माता-पिता को क्या करना चाहिए?
✔️ समय पर बच्चे का टीकाकरण कराएँ
✔️ टीकाकरण के बाद होने वाले सामान्य बुखार से घबराएँ नहीं
✔️ डॉक्टर की दी गई टीकाकरण चार्ट को फॉलो करें

(4) कुपोषण और आहार संबंधी समस्याएँ

आजकल जंक फूड और असंतुलित आहार के कारण बच्चों में कुपोषण की समस्या बढ़ रही है।

कुपोषण के लक्षण:
• कमजोर इम्यून सिस्टम
• धीमी वृद्धि
• त्वचा और बालों का खराब होना

कैसे बचाव करें?
✔️ संतुलित आहार दें (दूध, फल, सब्जियाँ, नट्स)
✔️ बाहर का जंक फूड कम कराएँ
✔️ आयरन और कैल्शियम युक्त आहार दें

3. माता-पिता को बच्चों की देखभाल में क्या ध्यान रखना चाहिए?

बच्चों की सही देखभाल करने के लिए माता-पिता को निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

(1) न्यूबोर्न बेबी (0-1 साल) की देखभाल

✅ जन्म के तुरंत बाद माँ का दूध देना बेहद जरूरी है
✅ नवजात का हर महीने वजन और लंबाई की जाँच कराएँ
✅ बच्चे को नरम कपड़े पहनाएँ और साफ-सफाई रखें
✅ नियमित टीकाकरण कराएँ

(2) टॉडलर (1-3 साल) की देखभाल

✅ ठोस आहार में दूध, फल, दालें और हरी सब्जियाँ शामिल करें
✅ बच्चे को खेलने और चलने-फिरने के लिए प्रेरित करें
✅ स्क्रीन टाइम (मोबाइल, टीवी) कम करें

(3) स्कूल जाने वाले बच्चे (4-12 साल)

✅ बच्चे की पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन बनाएँ
✅ रोजाना आउटडोर गेम्स खेलने के लिए भेजें
✅ स्कूल बैग ज्यादा भारी न हो
✅ पर्याप्त नींद लें (8-10 घंटे)

(4) किशोरावस्था (13-18 साल) की देखभाल

✅ बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें
✅ मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें
✅ पौष्टिक आहार और नियमित एक्सरसाइज कराएँ
✅ बच्चों को सोशल मीडिया और इंटरनेट के प्रति सतर्क करें

निष्कर्ष:

बच्चों का सही विकास और स्वास्थ्य माता-पिता की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। पीडियाट्रिशियन डॉक्टर बच्चों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, लेकिन माता-पिता को भी अपने बच्चों के खान-पान, स्वच्छता, टीकाकरण और मानसिक स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए।

यदि आपके बच्चे को कोई भी स्वास्थ्य समस्या हो रही है, तो तुरंत किसी योग्य पीडियाट्रिशियन डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं?

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